तुमको उगते सूरज की जैसे
आगे बढ़ना ही होगा
चाहे दिल तुम्हारा टूटे
चाहे तुमसे कोई रूठे
सब कुछ तुम्हें भुलाकर
वर्तमान में जीना होगा
जड़ता को चैतन्य में
परिवर्तित करना होगा
@मीना गुलियानी
आगे बढ़ना ही होगा
चाहे दिल तुम्हारा टूटे
चाहे तुमसे कोई रूठे
सब कुछ तुम्हें भुलाकर
वर्तमान में जीना होगा
जड़ता को चैतन्य में
परिवर्तित करना होगा
@मीना गुलियानी
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