सदियों से हमेशा पुरुष
स्त्री को छलता आया है
प्राचीन कवियों ने नारी को
छलनामयी माना है जबकि
स्थिति बिलकुल विपरीत है
नारी तो स्वभाव से ही कोमल
दयावान, भोली भाली होती है
वो निष्कपट रूप से सहज ही
पुरुष पर विश्वास करके
अपना सर्वस्व उसके प्रेम
के प्रतिदान में दे देती है
@मीना गुलियानी
स्त्री को छलता आया है
प्राचीन कवियों ने नारी को
छलनामयी माना है जबकि
स्थिति बिलकुल विपरीत है
नारी तो स्वभाव से ही कोमल
दयावान, भोली भाली होती है
वो निष्कपट रूप से सहज ही
पुरुष पर विश्वास करके
अपना सर्वस्व उसके प्रेम
के प्रतिदान में दे देती है
@मीना गुलियानी
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