दिल तो हमारा एक खिला हुआ फूल था
तुम्हारी बेरुखी ने इसे पत्थर बना दिया
वो दिन भी क्या दिन थे जब एहसास था
दिल के एहसास को किसने दबा दिया
पहले तो इस लरज़ते दिल में दुआएँ थीं
जलते दिल की मोम को किसने बुझा दिया
@मीना गुलियानी
तुम्हारी बेरुखी ने इसे पत्थर बना दिया
वो दिन भी क्या दिन थे जब एहसास था
दिल के एहसास को किसने दबा दिया
पहले तो इस लरज़ते दिल में दुआएँ थीं
जलते दिल की मोम को किसने बुझा दिया
@मीना गुलियानी
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