जल बुझे सब ख़्वाब मेरे
रह गए दिल में अँधेरे
जाने कब हों अब सवेरे
आँसुओं के पड़ गए घेरे
ढूँढूँ तुझे मैं साँझ सवेरे
बाट जोहते हैं नैन मेरे
कब आओगे साजन मेरे
@मीना गुलियानी
ढूँढूँ तुझे मैं साँझ सवेरे
बाट जोहते हैं नैन मेरे
कब आओगे साजन मेरे
@मीना गुलियानी
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