वक्त नहीं गुजरता तेरे बगैर
तन्हाई में तुमको याद करते
पल बीतते रात हो कि सुबेर
@मीना गुलियानी
२
वक्त नहीं गुजरता तेरे बगैर
तन्हाई में तुमको याद करते
पल बीतते रात हो कि सुबेर
@मीना गुलियानी
२
जब मनवा बेपरवाह होकर जीता है
उसी जिंदगी को सार्थक कहते हैं
क्योंकि उसमें कोई लाग लपेट नहीं
ईश्वर भी उसे ठंडी छाँव में रखता है
जिसे वो कभी जान भी नहीं पाता है
@मीना गुलियानी
जीवन प्यार का गीत है
जिसे सांसों की सरगम
पर गया जा सकता है
मधुर संगीत को हम
गुनगुनाकर खुश होते हैं
@मीना गुलियानी
वो रास्ता मेरे लिए याद रखना मुश्किल न था
हर पगडंडी , पेड़, झरना सब जाने पहचाने थे
धरा भी अपना रूप बदलने लगी थी हर तरफ
हरियाली छा गई मौसम सुहाना हो गया था
मुझे याद करना पड़ा पहली बार कब मुड़ा था
तुम बेसहारा हो तो
किसी का सहारा बनो
तुमको अपने आप ही
सहारा मिल जाएगा
तुमको अपने आप ही
किनारा मिल जाएगा
शाम की उदासी में
एक फूल खिल उठा
जिससे सुकूं मिला
उदासी फना हुई
दिल गुनगुना उठा
@मीना गुलियानी
नए नए ख्वाबों के दिन हैं
उमंगों को प्रभु चरणों में
समर्पित करने के दिन हैं
@मीना गुलियानी
याद आया फिर से वो पुराना जमाना
कैसा सबमें वो अपनापन था याद आया
ऐसा लगा हमारा बचपन लौट आया
@मीना गुलियानी
मन का वातावरण बदल दो
इतना बोझ कब तक झेलेगा
दुनिया में रहकर पराया क्यों
इसे भी साथ लो घूमो फिरो
@मीना गुलियानी
खुद को बनाते बनाते
क्या से क्या हो गए हम
इतने सवेंदनशील हुए
गमगीन हो गए हम
खुद से दूर हुए हम
@मीना गुलियानी
दर्द कम नहीं होता भूलने से
यह ऐसा मर्ज़ है जो बढ़ता जाता
जब वो दिन ज्यादा याद आते है
हर बीते लम्हों से दर्द बढ़ता है
समाधान हर मुश्किल का है
मुसीबत आये तो मत घबराना
कहीं न कहीं तो सीखोगे सुलझाना
धैर्य न छोडो वरना पड़ेगा पछताना
आज का चाँद चमके
काली घटाओं के बीच
ऐसे में प्रियतमा का साथ
और भी अच्छा लगा
उसे देखूँ या चाँद देखूँ
दोनों की रंगत एक है
@मीना गुलियानी
मन साफ रखो किसी के प्रति भेद भाव न रखो
चोरी, भेद भाव , दुराव ,दोस्ती के दुश्मन हैं
भेद खुल जाने र तुम स्वयं नज़रों से गिरोगे
जितना मन साफ़ होगा उतने ही करीब होंगे
@मीना गुलियानी
जिंदगी खूबसूरत है जब तक तुम साथ हो
तुम्हारे बिना ये सुनसान पड़ जाती है
लगता हे इसे तुम्हारी लत पड़ गई है
जो हर समय तुम्हें तलाशती रहती है
@मीना गुलियानी
अब भी वक्त है सम्भल जाओ
नहीं तो सब तुम्हें ढूँढ़ते रहेंगे
शराब के ठिकाने पर तम्हे
सब हिकारत से देखेंगे
मीना गुलियानी
आज का चाँद चमका तो उसमें
तुम्हारा ही रूप चमकने लगा
गगन तुम्हारी सुंदरता से शर्माया
चाँद भी बादलों की ओट में छिपा
अगर तुम चाहो तो
करीब आ सकते हो
वरना हमारे दरम्यां
काफी समय से दूरी है
जिसे मिटाना होगा
फिर से रौनक होगी
दिल भी झूम उठेगा
@मीना गुलियानी
दिल फूल है हमारा
अलग अलग रंगों से
सजा है गुलशन हमारा
हर फूल खुश है एहसास
हमारे गम मिटाता है
दिल में उतर जाते हैं लोग
कुछ आँखों में समाते हैं
कुछ हसीन यादों में बसते हैं
कुछ नीदें उड़ा देते हैं लोग
@मीना गुलियानी
हासिल हो भी जाए तो क्या
जब सुरूर मिट गया आये साकी तो क्या
बर्बाद तो हो ही चुके हम नशेमन से क्या
बागबां लुट गया चंद फूलों से क्या
@मीना गुलियानी
बचपन के दोस्त दूर होकर भी याद आते हैं
फूलों की तरह हमेशा खुशबु फैलाते हैं
कभी वो सितारा बनके जगमगाते हैं
@मीना गुलियानी
शुभ दीपावली तभी कहलाती है
जब आसपास के गरीब लोग भी
अपनी जरूरत पूरी कर सकें
सबके घरों में उजाला हो सबके
चेहरों पर हँसी झिलमिलाए
छल कपट से दूर होके मुस्कुराएं
@मीना गुलियानी
अंधेरों से कहदो अब कहीं दूर जाएँ
वक्त बदल चुका है प्रकाश को लाएं '
बदनसीबी की चादर की जगह
प्रकाश को भीतर लाएं खुशहाली लाएं
@मीना गुलियानी
एक दिया तेरे नाम का मैंने भी जलाया है
बाहर की सारी कटुता भूलकर तुझे पाया है
अब तो रोज ही खुशियों की दिवाली होगी
दिल इस बात पर कितना इतराया है
@मीना गुलियानी
अपनों का इंतज़ार हर किसी को रहता है
बेटा अगर विदेश में हो माँ का दिल रोता है
हर वक्त तो कोई साथ भी नहीं देता
सिर्फ ऊपर वाले पे ही यकीं होता है
क्यों दिल को भाये मुस्कुराना तेरा
भंवरे ने भी सीखा गुनगुनाना तेरा
मोर सरीखी मस्त चाल है ये तेरी
तेरे दिल ने लूटा सारा खज़ाना मेरा
दीपावली की हर खुशी तुमसे है
तुम पास नहीँ होते तो खुद बेमन से
दीपावली मनाते हैं जो नागवार होती है
गम के दरिया में डूब जाते हैं कहीं
किनारा कहीं नहीं पाते हैं अब
लौट आओ जिंदगी में रंग भरदो
मिलकर निर्माण करें हम
मेहनत करने से न डरे हम
आशाओं के सुमन बिखेरें
धरा पे स्वर्ग आह्वान करें हम
@मीना गुलियानी
बिना चाह के कुछ नहीं मिलता
चाह होने से ही सब मिलता है
मानव किसी चाह होने पर ही
उस ओर मुख़ातिब होता है
उसे पाकर ही वो दम लेता है
@मीना गुलियानी
रात बढ़ती हुई पैगाम देती है
दिल दिमाग को राहत देती है
सबसे ग़ाफ़िल मंजिल पाती है
@मीना गुलियानी
कुछ छूट रहा है इस जीवन पथ पर
अपनों का प्यार दुलार सब भूल कर
काम की तलाश में बहुत दूर जाकर
अपना घर देश विदेश बन गया है
चंद पैसों की खातिर छूट रहा है
@मीना गुलियानी
चश्मा उतार कर देखो
दुनिया हसीन दिखेगी
नहीं तो गमगीन है
ये सारा ही संसार
@मीना गुलियानी
तेरी यादों के सहारे जी रहे थे हम
तुमने हमें किसी काबिल न समझा
हमें सबके सामने रुसवा कर दिया
@मीना गुलियानी
तुम पुरुष होने का दम्भ भरते हो
यह तो ईश्वर की ही देन है
कुछ पुरुष जैसे काम भी करो
सिर्फ नाम से ही काम मत करो
@मीना गुलियानी
महानता है काम से
लोग सिर्फ नाम के लिए
नाटक सा रच लेते हैं
सब लोग वाकजाल में
फँसकर तंज कसते हैं
कभी बुध्दू भी बनते हैं
तुमने वादा किया था
हमेशा साथ निभाने का
एक ज़लज़ला क्या आया
हाथ छुड़ाकर चल दिए
@ मीना गुलियानी
तुझे हम कबसे चाहते थे
इस राज़ को छुपाना चाहा
न जाने कैसे उजागर हुआ
दुनिया ने कसूरवार कहा
सबकी आँखों में नागवार था
@मीना गुलियानी
ख़्वाब नहीं देखा तबसे जबसे तुम चले गए
ऐसी भी क्या ख़ता मुझसे हुई क्यों जुदा हुए
@ मीना गुलियानी
सदा बेहतर होता है
जब भी प्रेम से देखें
कटुता निकलती है
प्रेम में विश्वास होता है
जज्बात निखरते हैं
दूरियाँ मिटती हैं जो
दूर था वो करीब होता है
@मीना गुलियानी
दिल पर नज़र रखनी है
ये मुश्किल से मिला है
कायनात में सुंदर है
उपहार तुझसे मिला है
@मीना गुलियानी
नज़र रखना अपने दिल पर
कहीं ये खो न जाए
कहीं बेकाबू न हो जाए
इतनी बड़ी दुनिया है
किसी और का न हो जाए
@मीना गुलियानी
एक दीया तेरे नाम का हमने जलाया है
तेरे प्यार की यादों से सुकूँ हमने पाया है
जब भी दुःख भरी आँधियाँ बुझाने चली
हमने उन सबसे अपने आँचल में छुपाया है
इक दिया तेरी यादों का हम जलाते हैं
तुम जब देखकर अनदेखा करती हो
तुम्हारी दी हुई चोट को सहन करते हैं
@मीना गुलियानी
मेरी कमनसीबी तो देखो
जिसके साथ चाय पीनी थी
वो हाथ छुड़ाकर चला गया
दुनिया में हमें रुसवा कर गया
@मीना गुलियानी