माता तेरा बाल हूँ मैंयूँ न तू ठुकरा मुझे
दर पे तेरे आ गया माँ फिर गले से लगा मुझे
गम से मैँ घबरा गया द्वार तेरे आ गया
अपने कर्मो को देखकर माता मैं घबरा गया
पार करना भव से माता समझकर नादाँ मुझे
माता मैं मजबूर हूँ तुमसे मैं जो दूर हूँ
दिल लुभाया विषयों ने फिर भी क्यों मगरूर हूँ
दुनिया से घबरा के माता दल ने दी है सदा तुझे
मुझको न बिसराओ तुम अब तो माँ जाओ तुम
बाल तेरा हूँ मैया मुझको गले से लगाओ तुम
तेरे चरणों में पड़ा हूँ माता तू अपना मुझे
तर्ज - आपकी नज़रो ने समझा
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