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शनिवार, 27 फ़रवरी 2021

तर्ज तुम बिन जीक्न

मैं हूँ माता बाल तुम्हारा , शरण तेरी आया --माँ 

तेरे द्वार पे हाथ पसारा , शरण तेरी आया - माँ 


काम,क्रोध भटकाए लोभ भी बढ़ता जाए 

तृष्णा की अग्नि में सब कुछ जलता जाए 

मुझे आसरा माता तुम्हारा -------शरण 


गम के अँधेरे साये  छाये चारों  तरफ से छाये 

  तुम बिन मेरी माता  मुझको कौन बचाये 

  डोले नैया दूर किनारा -----------शरण 


 मनवा मोरा गाये तेरे गीत सुनाये 

तुम बिन मेरी माता कौन मुझे अपनाये 

सिर पे है माता हाथ तुम्हारा --------शरण 

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