मैं हूँ माता बाल तुम्हारा , शरण तेरी आया --माँ
तेरे द्वार पे हाथ पसारा , शरण तेरी आया - माँ
काम,क्रोध भटकाए लोभ भी बढ़ता जाए
तृष्णा की अग्नि में सब कुछ जलता जाए
मुझे आसरा माता तुम्हारा -------शरण
गम के अँधेरे साये छाये चारों तरफ से छाये
तुम बिन मेरी माता मुझको कौन बचाये
डोले नैया दूर किनारा -----------शरण
मनवा मोरा गाये तेरे गीत सुनाये
तुम बिन मेरी माता कौन मुझे अपनाये
सिर पे है माता हाथ तुम्हारा --------शरण
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