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गुरुवार, 23 जनवरी 2020

पतझड़ लगी है दिल में

जब पतझड़ का मौसम आए 
मन में सूनापन भर जाए 
पतझड़ बहार फिर लेके आए 
पुराने पत्ते झड़ें नए उग आए 
गुलशन में फूल सभी मुस्काएँ 
बहार दिल का कमल खिलाए 
दिल की कली भी खिल जाए 
बहार ने रंग कई हैं बिखराए 
दिल झूम झूम मस्त हो जाए 
मन का खालीपन भी भर जाए 
@मीना गुलियानी 

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