यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 20 जनवरी 2020

एक कोना मेरा भी

दुनिया कितनी बड़ी है 
सबका अपना कोना है 
मेरा भी एक कोना है 
सुंदर सपन सलोना है 
घने पेड़ों की छाँव में 
दूर मेरे ही गाँव में 
अमराईयों की छाँव में 
झरनों के आस पास 
जहाँ बातें करें हम खास 
तेरी जुल्फों का साया हो 
वहाँ कोई नहीं पराया हो 
वहाँ दिल से दिल मिलें 
खुशियों के वहाँ फूल खिलें 
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें