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शुक्रवार, 3 जनवरी 2020

दूर दूर तक

जब तुम अपनी नज़र उठाओगे
दूर दूर तक मुझे ही पाओगे
पतझड़ में शाखों से गिरे
पत्तों सा दूटता पाओगे
भरोगे जब अँजुरी में तुम
बिखरता हुआ पाओगे
@मीना गुलियानी 

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