यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 18 जनवरी 2020

करीब हो मगर

करीब हो मगर
दूरी लगती है
लगता नहीं तुम
बिल्कुल पास हो
पास होकर भी
क्यों दूर हो
मिलने से भी
मजबूर क्यों हो
दूरी अब मुझसे
सही नहीं जाती
पास आ जाओ
दूरी मिटा जाओ
@मीना गुलियानी 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें