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शुक्रवार, 10 जनवरी 2020

सबकी अपनी अपनी दुनिया

इस दुनिया में सबकी अपनी दुनिया है
सबने इसे अपने ढंग से इसे संवारा है
किसी ने कलात्मक रूप से रंग बिखेरे हैं
 किसी ने बहुत सुंदर चित्र नक्श उकेरे हैं
कोई फूलों की गोद में सोता है तो कोई
काँटों की सेज़ को आँसुओं से भिगोता है
किसी की हर रात को मनती दीवाली है
तो किसी गरीब की यहाँ हर रात काली है
कोई हर समय हँसता रहता होकर बेफिक्र
 किसी को हर समय होती गुज़ारे की फ़िक्र
सिर्फ ऐसा इन्सान यहाँ सुकूँ से जीता है
जिसने संयम, हौंसले  से जीना सीखा है
@मीना गुलियानी



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