सच तो यही है कि अब
तन्हा जिया नहीं जाता
दर्दे दिल भुलाया नहीं जाता
सबको ये बताया नहीं जाता
कितने भी यत्न हम करें
चाके जिगर सिया नहीं जाता
सूनापन दिल पे छाया रहता है
मर्ज विषबेल सा बढ़ता रहता है
दवा से ये मिटाया नहीं जाता है
@मीना गुलियानी
तन्हा जिया नहीं जाता
दर्दे दिल भुलाया नहीं जाता
सबको ये बताया नहीं जाता
कितने भी यत्न हम करें
चाके जिगर सिया नहीं जाता
सूनापन दिल पे छाया रहता है
मर्ज विषबेल सा बढ़ता रहता है
दवा से ये मिटाया नहीं जाता है
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें