क्यों देखता है तू इधर उधर
अपनी ओर भी डालो नज़र
कहीं कुछ अनदेखी न हो जाए
कोई तुझमें कमी न रह जाए
अपने कर्मों में कर ले सुधार
फिर दिल में करले विचार
क्यों मानुष तन हमने पाया
क्यों हीरा जन्म हमने गंवाया
अब तो इसको ले तू सुधार
शुभ कर्मों से इसको तू सुधार
सब कुछ यहीं धरा रह जाएगा
वक्त गुज़रा तो पछतायेगा
@मीना गुलियानी
अपनी ओर भी डालो नज़र
कहीं कुछ अनदेखी न हो जाए
कोई तुझमें कमी न रह जाए
अपने कर्मों में कर ले सुधार
फिर दिल में करले विचार
क्यों मानुष तन हमने पाया
क्यों हीरा जन्म हमने गंवाया
अब तो इसको ले तू सुधार
शुभ कर्मों से इसको तू सुधार
सब कुछ यहीं धरा रह जाएगा
वक्त गुज़रा तो पछतायेगा
@मीना गुलियानी
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