सिर्फ सोचने से क्या होगा
काम तो करने से ही होगा
यूँ हाथ पे हाथ धरने से भी
तुम्हें कुछ न हासिल होगा
जीवन एक कड़ी चुनौती है
स्वीकार करने से कुछ मिलेगा
यह कर्मक्षेत्र है निरन्तर ही
कार्य करके परिणाम मिलेगा
तदबीर से ही तकदीर बनेगी
शेर के मुँह में भी मृग स्वयं
चलकर नहीं आता इसलिए
उठो कर्म करो सोचो मत
@मीना गुलियानी
काम तो करने से ही होगा
यूँ हाथ पे हाथ धरने से भी
तुम्हें कुछ न हासिल होगा
जीवन एक कड़ी चुनौती है
स्वीकार करने से कुछ मिलेगा
यह कर्मक्षेत्र है निरन्तर ही
कार्य करके परिणाम मिलेगा
तदबीर से ही तकदीर बनेगी
शेर के मुँह में भी मृग स्वयं
चलकर नहीं आता इसलिए
उठो कर्म करो सोचो मत
@मीना गुलियानी
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