तेरी याद दिल से भुलाने चला हूँ
मैं अपनी हस्ती मिटाने चला हूँ
जला है इस तरफ आशियाना हमारा
भला इस कदर भी क्या हमने बिगाड़ा
मैं खुद अपनी किश्ती डुबाने चला हूँ
न तुमसे है शिकवा न कोई शिकायत
पता क्या मुझे था तुम हो बेमुरव्वत
भंवर में खुद को मिटाने चला हूँ
@मीना गुलियानी
मैं अपनी हस्ती मिटाने चला हूँ
जला है इस तरफ आशियाना हमारा
भला इस कदर भी क्या हमने बिगाड़ा
मैं खुद अपनी किश्ती डुबाने चला हूँ
न तुमसे है शिकवा न कोई शिकायत
पता क्या मुझे था तुम हो बेमुरव्वत
भंवर में खुद को मिटाने चला हूँ
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें