मत जाओ दूर इतना कि हम तुझे ढूँढते ही रहें
मत पास आओ इतना मिटे दिल की प्यास वो
सजा दो चाँदनी को भी तुम अपने ऐसे लिबास में
लगता रहे मुझे कि तेरा खिलता नूर मेरे पास हो
क्यों बेकरार करती है मुझे ये दिलकशी तेरी
घटती ही नहीं कभी मेरी आँखों की प्यास वो
@मीना गुलियानी
मत पास आओ इतना मिटे दिल की प्यास वो
सजा दो चाँदनी को भी तुम अपने ऐसे लिबास में
लगता रहे मुझे कि तेरा खिलता नूर मेरे पास हो
क्यों बेकरार करती है मुझे ये दिलकशी तेरी
घटती ही नहीं कभी मेरी आँखों की प्यास वो
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें