समय को कौन कैद कर पाया
ये हमारी मुट्ठी में भी कब आया
ये पलक झपकते गुज़र जाता है
कोई भी इसे रोक ही नहीं पाया
इसके आगे किसी की नहीं चलती
हर कोई शख्स हारता नज़र आया
गर तुम चाहो कि जीत लो उसको
कदम मिलाके चलो बनके हमसाया
@मीना गुलियानी
ये हमारी मुट्ठी में भी कब आया
ये पलक झपकते गुज़र जाता है
कोई भी इसे रोक ही नहीं पाया
इसके आगे किसी की नहीं चलती
हर कोई शख्स हारता नज़र आया
गर तुम चाहो कि जीत लो उसको
कदम मिलाके चलो बनके हमसाया
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें