तुम आये तो मन के आँगन में फूल खिल गए
धूप खिली कोहरा छँटा और तुम मिल गए
यादों के महकते फूलों को दम भर खिलने दो
ऐसा क़हर तुम मत ढाना शाख सूनी हो जाए
@मीना गुलियानी
धूप खिली कोहरा छँटा और तुम मिल गए
यादों के महकते फूलों को दम भर खिलने दो
ऐसा क़हर तुम मत ढाना शाख सूनी हो जाए
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें