दूसरों के लिए कौन सोचे यहाँ
फुरसत है किसें इतनी भी यहाँ
सभी मसरूफ ही रहते सब यहाँ
किसको क्या पड़ी जो सोचे यहाँ
सभी अपना राग अलापते यहाँ
मतलब की दुनिया कोई न यहाँ
@मीना गुलियानी
फुरसत है किसें इतनी भी यहाँ
सभी मसरूफ ही रहते सब यहाँ
किसको क्या पड़ी जो सोचे यहाँ
सभी अपना राग अलापते यहाँ
मतलब की दुनिया कोई न यहाँ
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें