दिल में उम्मीद के बीज रोपदो
फिर पौधा भी उग जायेगा
लक्ष्य बाण को भेद दो तुम
फिर कर्म सिद्ध हो जायेगा
पहले रूप रेखा को खींच लो
चित्र स्वयं ही बन जायेगा
निश्चय पर अडिग रहो तुम
जो चाहोगे तुम हो जायेगा
@मीना गुलियानी
फिर पौधा भी उग जायेगा
लक्ष्य बाण को भेद दो तुम
फिर कर्म सिद्ध हो जायेगा
पहले रूप रेखा को खींच लो
चित्र स्वयं ही बन जायेगा
निश्चय पर अडिग रहो तुम
जो चाहोगे तुम हो जायेगा
@मीना गुलियानी
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