उसका पता हम पूछते पूछते
कितनी दूर तक निकल आये
फासले दूरियों के मिटा आये
अब तो लगता है पास है वो
उसकी गली तक हम चले आये
खोलो दरवाज़ा -ऐ -दिल देखलो
बड़ी मुश्किल से पता ढूँढ पाए
@मीना गुलियानी
कितनी दूर तक निकल आये
फासले दूरियों के मिटा आये
अब तो लगता है पास है वो
उसकी गली तक हम चले आये
खोलो दरवाज़ा -ऐ -दिल देखलो
बड़ी मुश्किल से पता ढूँढ पाए
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें