मैं तो कबसे रही पुकार
मेरी माँ खोलो अब तो द्वार
तेरे दर्श की अखियाँ प्यासी
रहें तड़पती चैन न पाती
आके मिटा तू मेरी उदासी -----------
तुझ बिन व्याकुल जियरा मोरा
तू चंदा मैं चकवा तोरा
क्यों तूने मेरा दिल को तोड़ा ----------
तड़प तड़प कर रैन बिताऊँ
हाले दिल अब किसको सुनाऊँ
किसके दर पर पलड़ा बिछाऊँ ----------
सुनलो दाती अर्ज हमारी
दर पर आई हूँ दुखियारी
दुनिया ने मुझे ठोकर मारी ---------------
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