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मंगलवार, 2 अप्रैल 2024

bhent...7

झण्डेवाली माँ जग से निराला तेरा धाम रे 

मुझे प्यारा लागे तेरा धाम रे 

 

जबसे तुझसे लगन लगी रे छोड़ दिया जग सारा 

तेरी भक्ति का मन में माता बजने लगा इकतारा 

मेरी लाज तुम्हारे हाथ रे--------------------------


आशा तृष्णा की आंधी ने हमको जी भर लूटा 

जान लिया पहचान लिया है जग ये सारा झूठा 

मेरी बाँह पकड़ना आज रे --------------------------


मेरे जीवन की नैया डगमग डगमग डोले 

आन फंसी मंझधार में मैया खाए है हिचकोले 

मेरी नाव तुम्हारे हाथ रे -----------------------------


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