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गुरुवार, 10 अक्तूबर 2019

ज़रूरी है

तुम आके मिल जाओ ना
तुमसे कुछ कहना जरूरी है
प्रेम में मनुहार ज़रूरी है
कभी कभी तकरार जरूरी है
प्रेम का इज़हार ज़रूरी है
रोज़  मुलाकात भी ज़रूरी है
प्रेम के पौधे को बचाने को
प्रेम से सींचना भी ज़रूरी है
@मीना गुलियानी 

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