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शुक्रवार, 4 अक्तूबर 2019

बड़े झूठे निकले

हकीकत तो खुल ही जाती है
सपने तो सपने ही होते हैं
वो हकीकत नहीं बन सकते
ऐसा एहसास होते हैं जिन्हेँ
आप सिर्फ महसूस करते हो
उन्हें आप छू नहीं सकते हो
जागृति में नहीं मन में देखो
बंद आँखों से अंतर्मन में देखो
नहीं तो फिर तुम ही कहोगे
कि दोनों ही बड़े झूठे निकले
@मीना गुलियानी 

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