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मंगलवार, 26 जनवरी 2016

प्यार की दास्तां



ज़मी और आसमां से भी पहले 
तेरा मेरा प्यार यूँ ही जवां था 

कहाँ से भटकते कदम कहाँ तक आ गए 
सारे जहान पर हम खुमार बनके छा गए 
प्यार में सारी मुश्किलें मेरी आसां हो गई 
खुदा भी हम पर कुछ मेहरबाँ था 

खाई जो कसमें वफ़ा की हमने निभा दी 
तेरे प्यार में ये जिंदगानी लुटा दी 
दिल की तड़प को हमने भुलाया 
हर एक अरमां जो नौजवां था 

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