कब तक चुप बैठोगे अब कुछ बोल ना
धीरे धीरे से तू भेद जिया के खोल ना
दो चार कदम तुम संग चलो
तेरे साथ चलूँगी मै भी
ये फासले दिलों के
तय करना तुम और मै भी
आगे बढो बढ़ते चलो यूँ डोल ना
तुम जीत गए हो हमसे
हम हार गए दिल तुमसे
क्या जान लगा दी तुमने
पहुँचे करीब मंजिल के
मंजिल तक आके बीच मुझे न छोड़ना
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