Meena's Diary
यह ब्लॉग खोजें
मंगलवार, 26 जनवरी 2016
आशंका निर्मूल हुई
आशंकाओ से घिरा मेरा मन
खोया हुआ था कहीं पर
तुमने उसे जगा दिया
एक मधुर स्पर्श से ही
तन मन मेरा हिला दिया
प्राणो में जीवन संचार हुआ
आशा का आधार मिला
तुम्हारा एक सहारा पाकर
आशंकाएँ निर्मूल हुईं
भय का बंधन टूटा
और सुखमय संसार हुआ
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें
नई पोस्ट
पुरानी पोस्ट
मुख्यपृष्ठ
मोबाइल वर्शन देखें
सदस्यता लें
टिप्पणियाँ भेजें (Atom)
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें