जब भी मेरा दिल उदास होता है
लगता है तू मेरे आस पास होता है
कोई वादा नहीँ किया तुमने
फिर भी क्यों इंतज़ार रहता है
बेवजह ही करार मिलने पर
दिल बड़ा बेकरार रहता है
तुम किसी के ख्वाबों की
इक तस्वीर लगते हो
करूँ कैसे बयाँ तब्बसुम को
कितने तुम हसीन लगते हो
तुम तो जन्नत का करिश्मा हो
तेरे जलवों से ही बहार आये
देखे जो सुन्दर रूप तुम्हारा
कामदेव भी शर्मा जाए
तुम ही मेरी कल्पना हो
तुम ही सर्वस्व हो मेरे
कैसे भुला दूँ मै तुम्हें
तुम्हीं आराध्य देव हो मेरे
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