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रविवार, 13 अगस्त 2017

गम रहेगा क्यों फासले मिले

जिंदगी की तलाश में जब हम निकले
जिंदगी तो मिली नहीं तजुर्बे बड़े मिले

दोस्तों से जब हम  मिले तो  पता चला
जिंदगी में रौनक के उनसे थे सिलसिले

जिंदगी मेरी एक रंगमंच बनकर रह गई
टूटते पुर्जे जुड़ने का नाटक करते हुए मिले

जलने वालों की इस जहाँ में कोई कमी नहीं
बिना तीली सुलगाये दिल जलाते हुए मिले

शीशा और पत्थर बनकर संग रहे दोनों
अब बात कुछ और है टकराते हुए मिले

जिंदगी के कई  ख़्वाब अधूरे पड़े रहे
हर लम्हा गम रहेगा क्यों फासले मिले
@मीना गुलियानी


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