आज तुम मेरे हृदय में बस जाओ
अतृप्त मन पे करुणाजल बरसाओ
थम जाए भावों का क्रन्दन
विचलित न हो फिर ये मन
तुम फुहार बनके बरस जाओ
नवांकुर फूटने लगा धरा पर
थामो हाथ मेरा बनो हमसफ़र
मन मेरा तुम आज हर्षाओ
कैसी विहंगम दृष्टि तूने डाली
कूकी है देखो कोयल ये काली
मन मयूरा नाचे साज़ बजाओ
संध्या भी देखो तारों को लाई
धानी चुनरिया मोरी लहराई
संतप्त मन को शांत कर जाओ
@मीना गुलियानी
अतृप्त मन पे करुणाजल बरसाओ
थम जाए भावों का क्रन्दन
विचलित न हो फिर ये मन
तुम फुहार बनके बरस जाओ
नवांकुर फूटने लगा धरा पर
थामो हाथ मेरा बनो हमसफ़र
मन मेरा तुम आज हर्षाओ
कैसी विहंगम दृष्टि तूने डाली
कूकी है देखो कोयल ये काली
मन मयूरा नाचे साज़ बजाओ
संध्या भी देखो तारों को लाई
धानी चुनरिया मोरी लहराई
संतप्त मन को शांत कर जाओ
@मीना गुलियानी
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