समय परिवर्तनशील बना है घड़ी हुई जग जाने की
अपनी क्षमता को पहचानो बात यही समझाने की
सब स्वार्थ के पुतले यहाँ हैं मन में कितनी कटुता है
अपनापन भुलाया सबने मानव मूल्य न दिखता है
हिम्मत अपनी आज जगाओ उन्हें मार्ग पर लाने की
आज की पीढ़ी को तुम देखो कितनी दलदल में है धँसी
हर तरफ है अनाचार दुष्प्रवृति के जाल में है ये फँसी
तुमसे ही आशाएँ हैं इनको सन्मार्ग दिखलाने की
तुम भारत माँ के सपूत हो कर सकते हो काम बड़ा
उस जननी का मान बढ़ाओ जिसको तुमपे नाज़ बड़ा
है ज़रूरत आज हमें है गुमराह को राह पे लाने की
@मीना गुलियानी
अपनी क्षमता को पहचानो बात यही समझाने की
सब स्वार्थ के पुतले यहाँ हैं मन में कितनी कटुता है
अपनापन भुलाया सबने मानव मूल्य न दिखता है
हिम्मत अपनी आज जगाओ उन्हें मार्ग पर लाने की
आज की पीढ़ी को तुम देखो कितनी दलदल में है धँसी
हर तरफ है अनाचार दुष्प्रवृति के जाल में है ये फँसी
तुमसे ही आशाएँ हैं इनको सन्मार्ग दिखलाने की
तुम भारत माँ के सपूत हो कर सकते हो काम बड़ा
उस जननी का मान बढ़ाओ जिसको तुमपे नाज़ बड़ा
है ज़रूरत आज हमें है गुमराह को राह पे लाने की
@मीना गुलियानी
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