तुम चाहते हो पत्ते भी गुनगुनाएँ
पेड़ों से पहले उनकी उदासी लीजिए
जीना मरना तो लगा रहेगा यहाँ पर
कुछ रोज़ ज़रा सुकून से जी लीजिए
अपने होंठों को सीकर तुम चुपचाप रहे
मगर खामोशी ने करदी मनादी लीजिए
हैरा थे अपने अक्स पे घर के तमाम लोग
शीशा चटकने पे सवालों की बारिश लीजिए
@मीना गुलियानी
पेड़ों से पहले उनकी उदासी लीजिए
जीना मरना तो लगा रहेगा यहाँ पर
कुछ रोज़ ज़रा सुकून से जी लीजिए
अपने होंठों को सीकर तुम चुपचाप रहे
मगर खामोशी ने करदी मनादी लीजिए
हैरा थे अपने अक्स पे घर के तमाम लोग
शीशा चटकने पे सवालों की बारिश लीजिए
@मीना गुलियानी
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