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सोमवार, 8 मई 2017

मशाल देखिए

बरसात आई तो दरकने लगी ज़मीं
कैसा कहर है बरपा बारिश तो देखिए

कैसी जुम्बिश हुई है जिस्म में मेरे
इस परकटे परिंदे की कोशिश देखिए

किसको पता था मर मिटेंगे तेरी अदा  पे
कैसे उठा हाथ चला तेरी अलकों पे देखिए

मेरी जुबान से निकली तो नज़्म बनी
तुम्हारे हाथोँ में आई तो मशाल देखिए
@मीना गुलियानी 

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