फिर हवाओं का रुख बदलने लगा है
सोया हुआ जगा आँखे मलने लगा है
जिंदगी के सफर का पहिया टूटा पड़ा था
मिले तुम तो फिर से वो चलने लगा है
आग सीने में अब तक ठंडी पड़ी थी
यकायक सा पानी उबलने लगा है
जो रुका था अलावों की आंच लेने को
जली जब हथेली तो मसलने लगा है
जिंदगी अँधेरे में होम जिसने करदी
उजाले में हवन वो करने लगा है
@मीना गुलियानी
सोया हुआ जगा आँखे मलने लगा है
जिंदगी के सफर का पहिया टूटा पड़ा था
मिले तुम तो फिर से वो चलने लगा है
आग सीने में अब तक ठंडी पड़ी थी
यकायक सा पानी उबलने लगा है
जो रुका था अलावों की आंच लेने को
जली जब हथेली तो मसलने लगा है
जिंदगी अँधेरे में होम जिसने करदी
उजाले में हवन वो करने लगा है
@मीना गुलियानी
""जिंदगी के सफर का पहिया टूटा पड़ा था
जवाब देंहटाएंमिले तुम तो फिर से वो चलने लगा है""
बहुत ही पसंद आई. ये पंक्तियाँ.
धन्यवाद.