पछताओगे इक दिन तुम दिल मेरा उजाड़कर
इस दिल में बसता कौन है मेहमाँ तुम्हीं तो हो
आता है तुमको रहम जुल्मों के बाद भी
अपने किए पे खुद पशेमां तुम्हीं तो हो
मेरी आँखों का नूर दिल का सुरूर हो तुम
हम जानते थे जान के खैरखाह तुम्हीं हो
हम भूल न पायेंगे कभी तेरी कद्र्दानियाँ
हर किस्से में पुरज़ोर से शुमार तुम्हीं हो
@मीना गुलियानी
इस दिल में बसता कौन है मेहमाँ तुम्हीं तो हो
आता है तुमको रहम जुल्मों के बाद भी
अपने किए पे खुद पशेमां तुम्हीं तो हो
मेरी आँखों का नूर दिल का सुरूर हो तुम
हम जानते थे जान के खैरखाह तुम्हीं हो
हम भूल न पायेंगे कभी तेरी कद्र्दानियाँ
हर किस्से में पुरज़ोर से शुमार तुम्हीं हो
@मीना गुलियानी
बहुत गंभीर भावाभिव्यक्ति....टीस गहराइयों तक...बहुत सुन्दर. शायद कुछ संशोधन..:
जवाब देंहटाएंमेरी आँखों का नूर दिल का सुरूर हो तुम
हम जानते थे जान के खैरख्वाह तुम्हीं हो
हम भूल न पायेंगे कभी तेरी कद्र्दानियाँ
हर किस्से में पुरज़ोर शुमार तुम्हीं हो