गाओगे जब गीत तुम
मौसम सुहाने आयेंगे
मुस्कुराओगे जो तुम
फूल खुशबु लुटायेंगे
कलियाँ फिर खिलने लगेंगी
भँवरे भी गुनगुनायेंगे
चहकेंगी चिड़ियाँ चमन में
पत्ते भी लहलहायेंगे
धरा भी उगलेगी सोना
श्रमकण भी जगमगायेंगे
हर घर से मिटे अँधेरा
ऐसा दीप जलायेंगे
कोई भी भूखा न सोए
ऐसी अलख जगायेंगे
धन धान्य से परिपूर्ण हो
ऐसा देश बनायेंगे
@मीना गुलियानी
मौसम सुहाने आयेंगे
मुस्कुराओगे जो तुम
फूल खुशबु लुटायेंगे
कलियाँ फिर खिलने लगेंगी
भँवरे भी गुनगुनायेंगे
चहकेंगी चिड़ियाँ चमन में
पत्ते भी लहलहायेंगे
धरा भी उगलेगी सोना
श्रमकण भी जगमगायेंगे
हर घर से मिटे अँधेरा
ऐसा दीप जलायेंगे
कोई भी भूखा न सोए
ऐसी अलख जगायेंगे
धन धान्य से परिपूर्ण हो
ऐसा देश बनायेंगे
@मीना गुलियानी
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