अक्स अपना देखने को मन मेरा था जब करा
झील पर पहुंचा तो देखा उसका पानी था हरा
सोचा था तन्हाई ही है मेरे जीने का सबब
उसको मिलने पर सोचा तन्हा मै क्यों रहा
अपनी बर्बादी के गम से दिल बहुत मेरा भरा
मेरे जिस्म का साया मुझसे इस कदर है डरा
थे बुरे हम पर खुद को ही समझा खरा
डूबा दिल का सफीना औंधे मुँह गिर पड़ा
@मीना गुलियानी
झील पर पहुंचा तो देखा उसका पानी था हरा
सोचा था तन्हाई ही है मेरे जीने का सबब
उसको मिलने पर सोचा तन्हा मै क्यों रहा
अपनी बर्बादी के गम से दिल बहुत मेरा भरा
मेरे जिस्म का साया मुझसे इस कदर है डरा
थे बुरे हम पर खुद को ही समझा खरा
डूबा दिल का सफीना औंधे मुँह गिर पड़ा
@मीना गुलियानी
Nice....
जवाब देंहटाएंबहुत सुंदर, धन्यवाद
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