यह ब्लॉग खोजें

सोमवार, 4 दिसंबर 2017

तेरे आने से बढ़ जाती है

तारों की छाँव में हर एक रात गुज़र जाती है
 दिल को समझाने तेरी याद चली आती है

हम ख्यालों में तुमको ही बुला लेते हैं
जब शबे ग़म की तन्हाई तड़पाती है

जाने क्यों कौंधती है बिजली घटाओं में
हिचकियाँ देके मुझे पवन चली जाती है

जब घटा झूमके आँगन में बरस जाती है
दिल की धड़कन तेरे आने से बढ़ जाती है
@मीना गुलियानी


कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें