आईना देखके जब याद मेरी आएगी
साथ गुज़री मुलाक़ात याद दिलाएगी
जब यादें भावनाओं का ज्वार उठायेंगी
तुम्हीं बताओ वो शाम कैसे गुज़र पायेगी
आँखों आँखों में ही कह देंगे सारी बातें
रात तारों की छाँव में ही कट जायेगी
सारी कटुता भूलकर दूरी मिट जायेगी
सब ख़्वाहिशें दिल ही में सिमट जाएंगी
@मीना गुलियानी
साथ गुज़री मुलाक़ात याद दिलाएगी
जब यादें भावनाओं का ज्वार उठायेंगी
तुम्हीं बताओ वो शाम कैसे गुज़र पायेगी
आँखों आँखों में ही कह देंगे सारी बातें
रात तारों की छाँव में ही कट जायेगी
सारी कटुता भूलकर दूरी मिट जायेगी
सब ख़्वाहिशें दिल ही में सिमट जाएंगी
@मीना गुलियानी
बेहतरीन ग़ज़ल
जवाब देंहटाएंसादर
उम्दा! पुरातन लय मे सुंदर प्रस्तुति गजल।
जवाब देंहटाएंजब याद हमारी आयेगी।
बहुत सूंदर
जवाब देंहटाएंशानदार है
यादें जब दिल को तड़पाती हैं ... आइने में रूम हाई नज़र आते हो ... क्या बात ...
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