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गुरुवार, 28 दिसंबर 2017

हमें मुस्कुराना चाहिए

जीवन एक सौगात है जीना आना चाहिए
कैसे भी पल आएँ हमें मुस्कुराना चाहिए

चाहे दिल पर बोझ हो कितना भी भारी
भूलकर सारे गम को हँसना आना चाहिए

चाहे आशा इस जीवन में बन जाए निराशा
विगत सुखद पलों को न बिसराना चाहिए

जीवन की रणभूमि में चाहे जीत या हार मिले
हर घड़ी परीक्षा की है समझ में आना चाहिए
@मीना गुलियानी

4 टिप्‍पणियां:

  1. seekh
    १.दुःख सुख तो आते जाते रहते हैं,
    हंस कर दुःख को सहना
    बहुत जरूरी है सुख दुःख में
    सदा एक सा रहना
    २. कठिनाई पर तुम मत रोना
    व्यर्थ ना अपने आंसू खोना
    डट कर करना मुकाबला इनका
    कायरता को मार भगाना
    हे,अर्जुन सुख –दुःख,गर्मी-सर्दी समय के साथ आते हैं, और चले जाते हैं.तू इनको सहन करना सीख –bhgvdgitaaभगवद गीता,-
    ३नाचे मन अब प्रसन्न हो कर
    बहे ज्ञान का सागर झर झर
    कर्म करें कुछ जग में ऐसे
    जिनसे सतत बहे जीवन का निर्झर (झरना)
    ४. उर्जा संरक्ष्ण से तुम
    सबल,स्वावलम्बी देश बनाना
    करना भविष्य धरती का सुरक्षित
    बढ़ कर पर्यावरण बचाना
    ५.. आत्मनिर्भर देश बने
    बढ़े आत्मसम्मान
    अमर रहे स्वतंत्रता इसकी
    बढे सभी का ज्ञान
    ६.बढे प्रतिष्ठा देश की
    हो सुरक्षित पर्यावरण
    आओ मिल कर हाथ बढायें
    करें ऊर्जा का संरक्षण

    ashok

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  2. वाह! सरलतम शब्दों में आशावाद के बीज रुप थी एक ख़ूबसूरत रचना।
    बधाई एवं शुभकामनाएं।

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