जीवन क्या है ?
एक ऐसी महायात्रा
जो अनवरत चलती है
इसके तीन पड़ाव हैं
बचपन, यौवन , बुढ़ापा
सकारात्मकता ज़रुरी है
यही जीवंतता है
नकारात्मकता मृत्यु समान है
जड़ के समान नश्वर है
अपने विचारों से उभरना है
नैराश्य को जीवंतता में
परिवर्तित करना है
नए गंतव्य की तैयारी हेतु
स्वयं का मूल्यांकन करना
जीवन को सुधारना है
काम ,क्रोध,मद ,लोभ
नष्ट करना, कमल समान
व्यक्तित्व निखारना है
जीवन में उतार चढ़ाव
आते रहते हैं , आयेंगे
जीवन में हर पल को
हँसते हुए गुज़ारना है
चित्त को शांत करना है
क्षमा मांगकर क्षमादान देकर
मन एकाग्र करना है
उस विराट को पाना है
यही जीवन का लक्ष्य है
जीवन का अंतिम सोपान है
@मीना गुलियानी
एक ऐसी महायात्रा
जो अनवरत चलती है
इसके तीन पड़ाव हैं
बचपन, यौवन , बुढ़ापा
सकारात्मकता ज़रुरी है
यही जीवंतता है
नकारात्मकता मृत्यु समान है
जड़ के समान नश्वर है
अपने विचारों से उभरना है
नैराश्य को जीवंतता में
परिवर्तित करना है
नए गंतव्य की तैयारी हेतु
स्वयं का मूल्यांकन करना
जीवन को सुधारना है
काम ,क्रोध,मद ,लोभ
नष्ट करना, कमल समान
व्यक्तित्व निखारना है
जीवन में उतार चढ़ाव
आते रहते हैं , आयेंगे
जीवन में हर पल को
हँसते हुए गुज़ारना है
चित्त को शांत करना है
क्षमा मांगकर क्षमादान देकर
मन एकाग्र करना है
उस विराट को पाना है
यही जीवन का लक्ष्य है
जीवन का अंतिम सोपान है
@मीना गुलियानी
सच है और तीनो का अपना अपना मज़ा है ...
जवाब देंहटाएंनव वर्ष की मंगल कामनाएँ ...
नमस्ते,
जवाब देंहटाएंआपकी यह प्रस्तुति BLOG "पाँच लिंकों का आनंद"
( http://halchalwith5links.blogspot.in ) में
आज गुरूवार 04-01-2018 को प्रकाशित हुए 902 वें अंक में सम्मिलित की गयी है।
चर्चा में शामिल होने के लिए आप सादर आमंत्रित हैं, आइयेगा ज़रूर। खेद है कि आपको सूचना देने में देरी हुई।
सधन्यवाद।
बहुत ख़ूब रचना
जवाब देंहटाएंजीवन मुल्यो के प्रति समर्पित आपकी रचना .. सोचने पर विवश करती है.नववर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं आपको.!
जवाब देंहटाएंबहुत ही अच्छी कविता!
जवाब देंहटाएं