इस तरह ओझल हुए मेरी जिंदगी से
सारे रिश्ते जैसे टूट गए हों मुझसे
आँखों से दरिया इस कदर बहता न था
जाने ऐसी क्या ख़ता हो गई मुझसे
पाँव रखें भी तो हम कहाँ पर रखेँ
दलदली ज़मी पर न उठते मुझसे
सबब तो यकीनन जानते हैं सब
फिर भी जाने क्यों रूठ गए मुझसे
@मीना गुलियानी
सारे रिश्ते जैसे टूट गए हों मुझसे
आँखों से दरिया इस कदर बहता न था
जाने ऐसी क्या ख़ता हो गई मुझसे
पाँव रखें भी तो हम कहाँ पर रखेँ
दलदली ज़मी पर न उठते मुझसे
सबब तो यकीनन जानते हैं सब
फिर भी जाने क्यों रूठ गए मुझसे
@मीना गुलियानी
आपकी लिखी रचना आज "पांच लिंकों का आनन्द में" बुधवार 31 जनवरी 2018 को साझा की गई है......... http://halchalwith5links.blogspot.in/ पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!
जवाब देंहटाएंसुंदर
जवाब देंहटाएंमनमोहक रचना
जवाब देंहटाएंलाजवाब !!
जवाब देंहटाएंAshok kumar
जवाब देंहटाएंछल्य्सी विक्रमने बलि अद्भुत वामन
पदनख नीरज नितन पावन
केशव धृत वामन रूप
जय जगदीश हरे –बांग्ला कवि जयदेव
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Ashok kumar
भगवान विष्णु के दस मुख्य अवतार यह निम्न हैं:
1. मत्स्य अवतार : मत्स्य (मछ्ली) के अवतार में भगवान विष्णु ने एक ऋषि को सब प्रकार के जीव-जन्तु एकत्रित करने के लिये कहा एक राक्षस ने जब वेदों को चुरा कर सागर में छुपा दिया, तब भगवान विष्णु ने मत्स्य रूप धारण कर के वेदों को प्राप्त किया और उन्हें पुनः स्थापित किया।
2. कूर्म अवतार : कूर्म के अवतार में भगवान विष्णु ने क्षीरसागर के समुद्रमंथन के समय मंदर पर्वत को अपने कवच पर संभाला था। इस प्रकार भगवान विष्णु, मंदर पर्वत और वासुकि नामक सर्प की सहायता से देवों एंव असुरों ने समुद्र मंथन करके चौदह रत्नोंकी प्राप्ती की। इस समय भगवान विष्णु ने मोहिनी रूप भी धारण किया था।
3. वराहावतार : वराह के अवतार में भगवान विष्णु ने महासागर में जाकर भूमि देवी कि रक्षा की थी, जो महासागर की तह में पँहुच गयीं थीं। एक मान्यता के अनुसार इस रूप में भगवान ने हिरण्याक्ष नामक राक्षस का वध भी किया था।
4. नरसिंहावतार : नरसिंह रूप में भगवान विष्णु ने अपने भक्त प्रहलाद की रक्षा की थी और उसकेपिता हिरण्यकश्यप का वध किया था। इस अवतार से भगवान के निर्गुण होने की विद्या प्राप्त होती है।
5. वामन् अवतार : इसमें विष्णु जी वामन् (बौने) के रूप में प्रकट हुए। भक्त प्रह्लादके पौत्र, असुरराज राज बलि से देवतओं की रक्षा के लिए भगवान ने वामन अवतार धारण किया।
6. परशुराम अवतार: इसमें विष्णु जी ने परशुराम के रूप में असुरों का संहार किया।
7. राम अवतार: राम ने रावण का वध किया जो रामायण में वर्णित है।
8. कृष्णावतार : श्रीकृष्ण ने देवकी और वसुदेव के घर जन्म लिया था। उनका लालन पालन यशोदा और नंद ने किया था। इस अवतार का विस्तृत वर्णन श्रीमद्भागवत पुराण में मिलता है। इस अवतार में विष्णु ने अपना विराट स्वरूप/विश्वरूप धारण किया था।
9. बुद्ध अवतार: इसमें विष्णुजी बुद्ध के रूप में लोगों को मोक्ष मार्ग (जन्म मरण के चक्र से मुक्ति का मार्ग) चार आर्य सत्य के रूप में धर्म चक्र की देशना की। इसी के साथ बौद्ध धर्म का उदय हुआ।
10. कल्कि अवतार: इसमें विष्णु जी भविष्य में कलियुग के अंत में आयेंगे।