यह ब्लॉग खोजें

शनिवार, 9 दिसंबर 2017

जो पिया का संदेशा लाए

मुंडेर पे काला कौआ बैठा काँव काँव चिल्लाए
सुनके उसकी काँव काँव को दिल मेरा हुलसाए

शायद आज कोई संदेशा पिया के गाँव से आए
दिल में  फिर से हूक उठी सौ सौ तूफ़ान उठाए

करने फिर सिंगार को बैठी दिल में प्रेम जगाए
पिया बिना कछु सूझे नाहीं मन मोरा बौराए

माथे  कुमकुम टीका बिछिया पायल भी इतराए
कर  सौलह सिंगार सजी मैं पिया की आस लगाए

बार बार उठ द्वार पे जाऊँ नैनन टकटकी लगाए
करूँ मनुहार पवन की जो पिया का संदेशा लाए
@मीना गुलियानी 

2 टिप्‍पणियां: