ये हवा तुमसे कुछ कह रही थी
पुरवाई दामन गई को छू गई थी
सुरभि तेरी हरसू बिखर गई थी
तन मन में सिहरन भर गई थी
मन को मेरे घायल कर गई थी
@मीना गुलियानी
पुरवाई दामन गई को छू गई थी
सुरभि तेरी हरसू बिखर गई थी
तन मन में सिहरन भर गई थी
मन को मेरे घायल कर गई थी
@मीना गुलियानी
कोई टिप्पणी नहीं:
एक टिप्पणी भेजें