ज़िन्दगी और मौत के दरम्यां
फ़ासला ज़रा सा ही तो था
अगर तुम वक्त पर नहीं आते
तो हम कबके मर गए होते
तुमने ही समय पर आकर
डॉक्टर को बुलाया जान बचाई
मेरी ज़िन्दगी पर ये कर्ज़ है
@मीना गुलियानी
फ़ासला ज़रा सा ही तो था
अगर तुम वक्त पर नहीं आते
तो हम कबके मर गए होते
तुमने ही समय पर आकर
डॉक्टर को बुलाया जान बचाई
मेरी ज़िन्दगी पर ये कर्ज़ है
@मीना गुलियानी
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