ये जानते हुए भी पहचानते हुए भी
मैंने तुमसे नाता नहीं तोड़ा क्योंकि
तुम्हारा दिल नहीं तोड़ना चाहा था
चाहे तुम सच मानो या झूठ इसमें
मेरी क्या गलती है कभी सोचा है
हर बार मुझे ही क्यों दोषी मानते हो
कभी खुद अपनी गलती भी मानो
@मीना गुलियानी
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