क्यों बार बार निगाहें पलटकर
फिर से तुम्हें देखना चाहती हैं
क्यों दिल की धड़कन तेज़ हो
जाती है तुम्हारे बदन से चंदन
की खुशबु मन में बस जाती है
सारी शिकायतें भूल जाती हैं
मन तुम्हें पुकारता है ख्यालों में
तुम्हें बसाना चाहता है क्यों तुम्हें
पता नहीं चलता रुक्ते क्यों नहीं
@मीना गुलियानी
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