मुझे जिंदगी तुम्हारी बंदिश में लगती है
लेकिन ये बंदिश भी मुझे तुम्हारे प्रेम से है
जो अपनी तरफ खींच लेती है ये कशिश है
जो मुझे जीने की आरजू लगती है वरना
इस तरह कोई कैसे बंदिश में रहेगा मगर
मुझे तुम्हारी ये कैद पसंद है क्योंकि एक
पंछी को जैसे अपने पिंजरे से मोह होता है
उसी तरह इस बंदिश से मोह गया है
@मीना गुलियानी
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